टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में दिनांक 14.09.2016 से 28.09.2016 तक हिंदी पखवाड़ा धूमधाम से मनाया गया। पखवाड़ा का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह दिनांक 28.09.2016 को संपन्न हुआ। कार्यक्रम में महाप्रबंधक (का.एवं प्रशा.), श्री विजय गोयल एवं कार्यपालक निदेशक (ओ.एंड एम.एस.), श्री एच.एल.अरोड़ा ने मंच की शोभा बढ़ाई । इस अवसर पर अनेक वरि.अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे । कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए कार्यपालक निदेशक (ओ.एंड एम.एस.) एवं महाप्रबंधक (का.एवं प्रशा.) का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया ।
हिंदी पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे नोटिंग-ड्राफ्टिंग, अनुवाद, शब्द ज्ञान, टंकण, श्रुतलेखन, काव्य पाठ, कहानी लेखन, अंत्याक्षरी तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे हिंदी अधिकारी, श्री पंकज कुमार शर्मा ने सर्वप्रथम आधुनिक हिंदी के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की प्रसिद्ध कविता ''मातृभाषा के प्रति'' की कुछ लाइनें '' निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को शूल''.......... हिंदी को समर्पित की । उन्होंने हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित की गर्इ विभिन्न प्रतियोगिताओं के विवरण एवं प्रोत्साहन योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त नामांकनों के बारे में पूरा विवरण प्रस्तुत किया । श्री शर्मा ने बताया कि प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं 04 सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। आयोजित की गई प्रतियोगिताओं में कुल प्रतिभागिता 353 रही है जिसमें गत वर्ष की तुलना में 72 प्रतिभागियों की वृद्धि हुई है । विभिन्न पुरस्कार योजनाओं में इस वर्ष 118 नामांकन प्राप्त हुए हैं जिनमें गत वर्ष की तुलना में 09 नामांकन अधिक प्राप्त हुए हैं । इस समारोह में कुल 124 पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं। पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेता प्रतिभागियों की कुल सं. 101 है।
इसके बाद कार्यपालक निदेशक(ओ.एंड एम.एस.), श्री एच.एल.अरोड़ा एवं महाप्रबंधक (का.एवं प्रशा.), श्री विजय गोयल ने अपने कर-कमलों से विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
दिनांक 14.09.2016 को आयोजित हुई निबंध प्रतियोगिता में श्री शिवराज सिंह चौहान, प्रबंधक (निदेशक-तक.सचिवालय) -प्रथम, श्री राकेश सिंह पंवार, उप प्रबंधक (परि.-विद्युत)-द्वितीय, श्री बी.एस.रावत, प्रबंधक, (सर्विसेज) –तृतीय रहे । श्रीमती रूचि हांडा, अभियंता (ओ.एंडएम.एस.), श्रीमती रश्मि बडोनी, वरि. अधिकारी (आई.टी.), श्रीमती शीला देवी, वरि. आशुलिपिक (ओ.एंडएम.एस.) , श्री सुरेश कुमार, तकनीशियन (सर्विसेज-टा.शिप) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया ।
दिनांक 15.09.2016 को आयोजित हुई नोटिंग-ड्राफ्टिंग प्रतियोगिता में श्री शशांक लाल, उप प्रबंधक(का.-स्थापना) –प्रथम, श्री एस.के.शर्मा, वरि. प्रबंधक (मा.सं.वि.), –द्वितीय, श्री आनंद कुमार अग्रवाल, प्रबंधक (कार्मिक-प्रशासन) –तृतीय रहे। साथ ही, श्री राजेश कुमार गुप्ता, उप प्रबंधक (वित्त-बजट), श्री शिवराज सिंह चौहान, प्रबंधक (निदेशक-तक.सचिवालय), श्री के.एस. पुण्डीर, वरि. प्रबंधक (विधि एवं माध्य.), श्री वेद प्रकाश रतूड़ी, प्रबंधक (सर्विसेज-प्रापण) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 16.09.2016 को आयोजित हुई कहानी लेखन प्रतियोगिता में श्री शिवराज सिंह चौहान, प्रबंधक (निदेशक-तक.सचिवालय) -प्रथम, श्री पीयूष चन्द्र रतूड़ी, वरि.प्रबंधक (कारपोरेट नियोजन)- द्वितीय, श्री आनंद कुमार अग्रवाल, प्रबंधक (कार्मिक-प्रशासन) –तृतीय रहे । साथ ही श्रीमती शीला देवी, वरि. आशुलिपिक (ओ.एंडएम.एस.), श्रीमती पारूल अग्रवाल, वरि.अभियंता (आईटी), श्री अनूप कुमार ध्यानी, वरि. अभियंता (आई.टी.), सुश्री हसिना खातून, कार्यपालक (प्रशिक्षु) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 17.09.2016 को आयोजित हुई अनुवाद प्रतियोगिता में श्री विनय कुमार जैन, वरि.प्रबंधक (विधि एवं माध्य.) -प्रथम, श्री चन्द्र देव प्रसाद, अभियंता (प्रशिक्षु) –द्वितीय, श्री शिवराज सिंह चौहान, प्रबंधक (निदेशक-तक.सचिवालय) – तृतीय रहे। साथ ही श्री आनंद कुमार अग्रवाल, प्रबंधक (कार्मिक-प्रशासन), श्री एस.के.शर्मा, वरि. प्रबंधक (मा.सं.वि.), श्री सचिन मित्तल, उप प्रबंधक (कारपोरेट नियोजन), सुश्री हसिना खातून, कार्यपालक (प्रशिक्षु) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 19.09.2016 को आयोजित हुई हिंदी टंकण प्रतियोगिता में श्री जगमोहन सिंह भंडारी (सहायक) -प्रथम, श्रीमती शकुंतला, सहायक (वाणिज्यिक) –द्वितीय, श्री आनंद कुमार अग्रवाल, प्रबंधक (कार्मिक-प्रशासन) – तृतीय, साथ ही श्री मोहन लाल नौटियाल, वरि.सहायक (कार्मिक-प्रशासन), श्री एस.पी.थपलियाल, वरि.सहायक (कंपनी सचिवालय), श्रीमती दमयंती, डाटा एंट्री आपरेटर (मुख्य अभिलेख कार्यालय) तथा श्री नेकी राम, वरि. कार्य.सचिव (मा.सं.वि.) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 20.09.2016 को आयोजित हुई हिंदी श्रुतलेखन प्रतियोगिता में सुश्री नयन रतूड़ी, वरि.अभियंता (परिकल्प-विद्युत) -प्रथम, श्री शाहिद अनवर, वरि.अभियंता (ओएमएस) -द्वितीय, श्री शिवराज सिंह चौहान, प्रबंधक (निदेशक-तक.सचिवालय)– तृतीय एवं श्री ओम प्रकाश रतूड़ी, प्रबंधक (सर्विसेज-विद्युत), श्री आनंद कुमार अग्रवाल, प्रबंधक (कार्मिक-प्रशासन), श्री सुनील कुमार राजपाल, वरि.फार्मासिस्ट (औषधालय), श्रीमती अलका रावत, वरि.स्टेनो (सतर्कता) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 21.09.2016 को आयोजित हुई हिंदी शब्द ज्ञान प्रतियोगिता में श्री विनय कुमार जैन, वरि.प्रबंधक (विधि एवं माध्य.) -प्रथम, श्री शाहिद अनवर, वरि.अभियंता (ओएमएस) –द्वितीय, श्री धमेन्द्र सिंह भाटी, कार्यपालक प्रशिक्षु (विधि एवं माध्य.) – तृतीय रहे। साथ ही, श्री के.एस.पुण्डीर, वरि.प्रबंधक (विधि एवं माध्य.), श्री कुणाल किशोर, वरि.अभियंता(ओएमएस), श्री संजय रावत, उप प्रबंधक(ओएमएस) एवं श्री चन्द्र देव प्रसाद, अभियंता(प्रशिक्षु) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 22.09.2016 को आयोजित हुई स्वरचित हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता में श्री मनोहर लाल डोभाल, कार्य.सचिव (विधि एवं माध्य.)- प्रथम, श्रीमती दीपा चौहान, वरि.उपचारिका (औषधालय) -द्वितीय, श्रीमती रश्मि बडोनी, वरि. अधिकारी (आईटी)-तृतीय रहे। साथ ही श्री बी.पी. डोभाल, उप प्रबंधक (मुख्य अभि. कार्या.), श्रीमती अमिता रस्तोगी, कनि. कार्यपालक(ओएमएस), श्री डी.एल. वर्मा, अभियंता (ओएमएस) तथा श्री जितेन्द्र जोशी, वरि. विधि अधिकारी (विधि एवं माध्य.) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
दिनांक 23.09.2016 को आयोजित हुई अंत्याक्षरी प्रतियोगिता के लिए कर्मचारियों के सात समूह बनाए गए थे। इन समूहों में समूह (ग) प्रथम रहा जिसमें श्री पी.एस. कठायत, वरि. कार्मिक अधिकारी (का.-स्था.), सुश्री सिद्धिमा डोभाल, उप प्रबंधक(विधि एवं माध्य.), श्रीमती रूचि हांडा, अभियंता(ओएमएस), श्री एस.पी. थपलियाल, वरि. सहायक(कंपनी सचिवालय) तथा श्री सुरेश कुमार, तकनीशियन(सर्विसेज-टा.शि.) शामिल थे। समूह (ड.) ने द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया, इस समूह में श्री बी.पी. डोभाल, उप प्रबंधक(मुख्य अभिलेख कार्यालय), श्री अमरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा, उप प्रबंधक(कार्मिक), श्री बलवीर सिंह, वरि. अधिकारी(विधि एवं माध्य.), श्रीमती अमिता रस्तोगी, कनि. कार्यपालक(ओएमएस) एवं श्री एस.डी. बसलियाल, प्रबंधक(परिकल्प-विद्युत) शामिल थे। समूह (क) ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया, इस समूह में श्री जितेन्द्र जोशी, वरि. विधि अधिकारी(विधि एवं माध्य.), श्री नेकी राम, वरि. कार्य.सचिव (मा.सं.वि.), श्री रामपाल सिंह पडियार, सहायक (कार्मिक), श्रीमती शीला देवी, वरि. आशुलिपिक(ओएमएस) तथा श्री मोहन लाल नौटियाल, वरि. सहायक(का.-प्रशा.) शामिल थे। समूह (ख), समूह (घ), समूह (च) तथा समूह (छ) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किए। समूह ''ख'' में श्री के.एस. पुण्डीर, वरि. प्रबंधक(विधि एवं माध्य.), श्री रामदयाल भद्री, उप प्रबंधक (सर्विसेज-विद्युत),श्री वी.डी. भट्ट, उप प्रबंधक(का.-प्रशा.), श्री राकेश नौटियाल, वरि. अधिकारी(विधि एवं माध्य.) एवं श्रीमती सरला डबराल, अधिकारी(औषधालय), समूह ''घ'' में श्री नंद किशोर यादव, वरि. प्रबंधक(मुख्य अभि.कार्या.), सुश्री लज्जू चौहान, उप प्रबंधक(वित्त एवं लेखा), श्री आई.जे. सिंह, उप प्रबंधक(का.-प्रशा.), श्रीमती अल्पना शर्मा, वरि. स्टेनो(का.-प्रशा.) तथा श्रीमती दमयंती, डाटा एंट्री ऑप.(मुख्य अभि.कार्या.), समूह ''च'' में श्री दीपक अग्रवाल, अपर महाप्रबंधक(मुख्य अभि. कार्या.), श्री देवी लाल वर्मा, अभियंता(ओएमएस), श्री आर.के. सिंह, प्रबंधक(आर.एंड डी), श्रीमती रश्मि बडोनी, वरि. अधिकारी(आई.टी.) तथा श्रीमती अलका रावत, वरि. स्टेनो(सतर्कता), समूह ''छ'' में श्री आनंद कुमार अग्रवाल, प्रबंधक(का.-प्रशा.), श्री शशांक लाल, उप प्रबंधक(का.-स्था.), श्री सचिन शर्मा, उप प्रबंधक(वित्त) एवं श्रीमती कुसुमलता पांडे, लेखाधिकारी(दे.दून कार्या.) सम्मिलित थे।
दिनांक 24.09.2016 को हिंदी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इस प्रतियोगिता में 60 प्रश्न पूछे गए एवं प्रत्येक सही उत्तर के लिए कर्मचारियों को 50 रू. का नगद पुरस्कार तत्काल दिया गया था।
इनके अतिरिक्त 2015-16 के दौरान विभागों में सर्वाधिक कामकाज करने वाले विभागाध्यक्षों में श्री बी.के. सिन्हा, उप महाप्रबंधक(कार्मिक-स्थापना)- प्रथम, श्री एच.एल.अरोड़ा, कार्यपालक निदेशक(ओ.एंडएम.एस.)-द्वितीय, तथा श्री अजय कुमार माथुर, महाप्रबंधक(वाणिज्यिक) को पुरस्कार प्रदान किया गया।
हिंदी में सर्वाधिक डिक्टेशन देने वाले विभागाध्यक्षों में हिंदी भाषी क्षेत्र के श्री अजय कुमार माथुर, महाप्रबंधक(वाणिज्यिक) को प्रथम व हिंदीतर क्षेत्र के श्री एस.के. भट्टाचार्जी, अपर महाप्रबंधक (औद्यो. अभि.) को प्रथम तथा हिंदी भाषी क्षेत्र के श्री वी.के.बडोनी, महाप्रबंधक (कारपो.नियो.) को द्वितीय व हिंदीतर क्षेत्र के श्री एस. वाम्सी प्रसाद, प्रबंधक को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
टीएचडीसी के विभिन्न विभागों में सर्वाधिक कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी उनके सराहनीय योगदान हेतु पुरस्कृत किया गया। इन कर्मचारियों में श्री पूरण सिंह कठायत, वरि. कार्मिक अधिकारी (कार्मिक-स्थापना), श्री नरेश बहुगुणा, प्रबंधक(सामा.एवं पर्या.) प्रथम रहे। श्री एस.के. भट्टाचार्जी, अपर महाप्रबंधक (औद्यो. अभि.), श्री राम बाबू सिंह, वरि.प्रबंधक (वित्त-बजट), श्री आर.के. वर्मा, उप महाप्रबंधक(वाणिज्यिक) द्वितीय रहे। श्री विशाल शारिया, वरि. अभियंता(औद्यो.अभि.), श्री दीपक कुमार, उप महाप्रबंधक(कारपो.नियो.), श्री आनंद प्रकाश बाजपेयी, वरि. प्रबंधक(वित्त–एकीकरण), श्री बी.पी. पैन्यूली, वरि. लेखाधिकारी(वित्त-बजट) तथा श्री गोपाल सिंह, सहायक(वित्त- लेखा) तृतीय स्थान पर रहे।
प्रत्येक विभाग से विभागाध्यक्षों द्वारा नामित किए गए एक-एक कर्मचारी को सर्वाधिक काम-काज करने हेतु पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में कुल 27 कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया । विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे 12 हिंदी नोडल अधिकारियों को भी प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया।
टीएचडीसी की हिंदी गृह पत्रिका 'पहल' के वर्ष 2015-16 के दौरान प्रकाशित उत्कृष्ट लेखों के लिए श्रीमती अंजना द्विवेदी, उप प्रबंधक(परि.-विद्युत), श्री आर.पी. रतूड़ी, प्रबंधक(कारपो.नियो.), श्री मनोहर लाल डोभाल, वरि. कार्य.सचिव(विधि एवं माध्य.), श्रीमती अनुराधा ठाकुर, उप प्रबंधक(परिकल्प-विद्युत) एवं श्री पंकज कुमार शर्मा, हिंदी अधिकारी(हिंदी अनुभाग) को भी पुरस्कृत किया गया।
हिंदी में सर्वाधिक कार्य करने वाले कार्मिक-स्थापना अनुभाग को 2015-16 के लिए अंतर विभागीय चल राजभाषा ट्राफी प्रदान की गर्इ तथा वर्ष 2015-16 के दौरान उत्तरोत्तर प्रगतिगामी विभाग, वित्त एवं लेखा को भी चल राजभाषा ट्रॉफी प्रदान की गई।
सभी विजेता अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधार्इ देते हुए कार्यपालक निदेशक(ओएमएस), श्री एच.एल. अरोड़ा ने प्रतियोगिताओं में अधिकाधिक प्रतिभागिता करने तथा अपना सरकारी काम-काज हिंदी में करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर श्री विजय गोयल, महाप्रबंधक(का.एवं प्रशा.) ने अपने संबोधन में कहा कि हमें इस बात पर विचार करने की अधिक आवश्यकता है कि हिंदी का प्रयोग राजभाषा के रूप में कैसे अधिकतम करें । उन्होंने सभी विजयी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए उन प्रतिभागियों को हतोत्साहित न होने की सलाह दी जिन्हें पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पुरस्कार किसी भी प्रतिभागी का समग्र मूल्यांकन नहीं है। हिंदी की प्रतियोगिताएं निगम में वर्षभर आयोजित होती रहती हैं। जिनमें अधिकतम प्रतिभागिता कर पुरस्कार प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने नए कार्यपालकों को अधिकतम प्रतिभागिता करने के लिए प्रेरित भी किया।